दिमुथ करुणारत्ने की ऐतिहासिक पारी: सनथ जयसूर्या का रिकॉर्ड टूटा
**ENG vs SL:** इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर चल रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे मुकाबले में श्रीलंकाई सलामी बल्लेबाज दिमुथ करुणारत्ने ने एक शानदार पारी खेलकर क्रिकेट की दुनिया में नया इतिहास रच दिया। करुणारत्ने ने टेस्ट क्रिकेट में श्रीलंका के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में चौथे स्थान पर पहुंचकर अपने देश के क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया।
करुणारत्ने का रिकॉर्ड तोड़ना: श्रीलंकाई क्रिकेट की बड़ी घटना
लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान इंग्लैंड ने श्रीलंका को चौथी पारी में 483 रनों का विशाल लक्ष्य दिया, जिससे श्रीलंकाई टीम की जीत की संभावना बहुत ही कम दिख रही थी। चौथे दिन लंच तक श्रीलंकाई टीम ने अपने 4 विकेट खो दिए थे, लेकिन करुणारत्ने ने 55 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेलकर न सिर्फ अपनी टीम को संजीवनी दी, बल्कि श्रीलंकाई क्रिकेट में एक नई उपलब्धि भी हासिल की। उन्होंने 93 टेस्ट मैचों में 51.61 की औसत से 6990 रन बनाकर सनथ जयसूर्या के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। जयसूर्या के नाम टेस्ट क्रिकेट में 6973 रन थे, जिन्हें करुणारत्ने ने अपने शानदार प्रदर्शन से मात दी। अगर करुणारत्ने अगले टेस्ट मैच में 10 रन बनाते हैं, तो वह 7000 रन के आंकड़े को छूने वाले श्रीलंकाई क्रिकेट के चौथे खिलाड़ी बन जाएंगे।
फिफ्टी के साथ नया कीर्तिमान: करुणारत्ने का चौथी पारी में शानदार प्रदर्शन
दिमुथ करुणारत्ने की इस पारी की एक और खास बात यह थी कि यह उनकी चौथी पारी में 9वीं फिफ्टी थी। इस उपलब्धि ने उन्हें श्रीलंका के लिए चौथी पारी में सबसे ज्यादा फिफ्टी बनाने वाले बल्लेबाज बना दिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड सनथ जयसूर्या, कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने और कुसल मेंडिस के नाम था, जिन्होंने संयुक्त रूप से 8-8 बार 50 से अधिक रन बनाने का कारनामा किया था। करुणारत्ने ने इस रिकॉर्ड को अपने नाम कर एक नई ऊंचाई छू ली है।
करुणारत्ने: श्रीलंकाई क्रिकेट का चमकता सितारा
दिमुथ करुणारत्ने का यह प्रदर्शन उनकी मेहनत, धैर्य और क्रिकेट के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उनका यह रिकॉर्ड श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बन गया है। आने वाले मैचों में करुणारत्ने की फॉर्म पर नजरें बनी रहेंगी, क्योंकि उनकी यह उपलब्धि श्रीलंकाई क्रिकेट के भविष्य को नई दिशा दे सकती है।
क्या दिमुथ करुणारत्ने आगे भी इसी तरह के कीर्तिमान स्थापित कर पाएंगे? यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तय है—उनकी इस पारी ने उन्हें श्रीलंकाई क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिला दिया है।